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Women’s empowerment in SRHU Jollygrant brainstorming

 

*एसआरएचयू जौलीग्रांट में महिला सशक्कितकरण को किया मंथन*

 *-स्वामी राम हिमालयन विश्वविद्यालय जौलीग्रांट में ‘विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के माध्यम से उत्तराखंड में महिला सशक्तिकरण’ विषय पर दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला आयोजित*

*-नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेज इंडिया (एनएएसआई) के सहयोग से राष्ट्रीय कार्यशाला में देशभर के विशेषज्ञ जुटे*

*-वक्ताओं ने विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी का महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में अहम योगदान बताया*

 

रिपोर्ट_ अमन अग्रवाल (डोईवाला)-

स्वामी राम हिमालयन विश्वविद्यालय (एसआरएचयू) जौलीग्रांट में ‘विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के माध्यम से उत्तराखंड में महिला सशक्तिकरण’ विषय पर दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला आयोजित की जा रही है। नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेज इंडिया (एनएएसआई) उत्तराखंड चैप्टर के सहयोग से आयोजित कार्यशाला में देशभर से विशेषज्ञ जुटे। वक्ताओं ने विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी का महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में अहम योगदान बताया।

 

शुक्रवार को एसआरएचयू के रिसर्च सेल की ओर से हिमालयन इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज के सेमिनार हॉल में आयोजित कार्यशाला का औपचारिक शुभारंभ संस्थापक डॉ.स्वामी राम के चित्र के समक्ष दीप प्रज्जवलित कर किया गया।

 

कार्यशाला को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि पद्म भूषण व नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेज इंडिया (एनएएसआई) की चेयरपर्सन डॉ. मंजू शर्मा ने कहा कि परिवार में महिला की भूमिका अहम होती। महिला सशक्तिकरण का तात्पर्य विविध क्षेत्रों में महिलाओं की आध्यात्मिक, राजनीतिक, सामाजिक या आर्थिक शक्ति को बढ़ाना है। पिछले कुछ वर्षों में महिलाओं ने पारंपरिक मानसिकता पर काबू पाया है और शिक्षण, चिकित्सा, इंजीनियरिंग, सूचना प्रौद्योगिकी, जैव प्रौद्योगिकी, परमाणु विज्ञान, अंतरिक्ष विज्ञान और विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में ऐसे कई विशिष्ट क्षेत्रों जैसे व्यवसायों में उत्कृष्टता हासिल की है।

 

समारोह की अध्यक्षता कर रहे स्वामी राम हिमालयन विश्वविद्यालय के अध्यक्ष डॉ.विजय धस्माना ने कहा कि विकसित समाज के लिए जरुरी है नारी का सम्मान। विज्ञान और तकनीक का अगर सही से इस्तेमाल किया जाए तो महिलाएं और अधिक सशक्त और आत्मनिर्भर बन सकती हैं। डॉ.धस्माना ने कहा कि पलायन से खाली हो रहे गांव में विज्ञान एवं तकनीक के सहयोग से रोजगार सृजन कर सकते हैं। यहाँ की अर्थव्यवस्था पूर्ण रूप से कृषि, पशुपालन, पर्यटन पर निर्भर है। यहां विज्ञान एवं प्रौद्यागिकी के प्रयोग से उन्हें सशक्त बनाया जा सकता है

स्वामी राम हिमालयन विश्वविद्यालय के कुलपति व राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी उत्तराखंड चैप्टर के नवनियुक्त अध्यक्ष व डॉ.राजेन्द्र डोभाल ने उपस्थित सभी अतिथियों का स्वागत किया। कहा कि महिला सशक्तिकरण के उद्देश्य को विज्ञान एंव तकनीक विकास पूरा कर रहा है।

 

समारोह के विशिष्ट अतिथि महानिदेशक शैक्षणिक विकास डॉ.विजेन्द्र चौहान ने कहा कि आदि काल से महिलाओं को परिवार में विशेष दर्जा हासिल है जो समय के साथ बदलता रहा है।

 

विशेष अतिथि डॉ.परमजीत खुराना ने कार्यक्रम की रूपरेखा से अवगत कराया। रिसर्च सेल की निदेशक डॉ.बिन्दु डे ने सभी उपस्थित लोगों का धन्यवाद दिया।

 

इस अवसर पर कुलसचिव डॉ. मुकेश बिजल्वाण व विश्वविद्यालय के समस्त कॉलेजों के प्रिसिंपल व फैकल्टी मौजूद रहे। कार्यशाला के संचालन में डॉ.निक्कू यादव, डॉ.गीता भंडारी, डॉ.नुपूर जोशी, डॉ.प्रवीण तिवारी, डॉ.विवेक कुमार, डॉ.अर्चना धस्माना, अभिनव, आकांक्षा सहित डीएवी कॉलेज से डॉ.प्रशांत सिंह व कॉलेज के छात्र-छात्राओं ने सहयोग दिया।

 

*कार्यशाला में प्रथम दिन के वक्ता*

दिल्ली विश्वविद्यालय से डॉ. परमजीत खुराना, एचआईएमएस की वाईस प्रिंसिपल डॉ. रेनू धस्माना, कैंसर रिसर्च इंस्टिट्यूट से डॉ. मीनू गुप्ता, आईआईटी रुड़की की डॉ. दुर्गा तोशनीवाल, डॉ. प्रतिभा जौली, डॉ. गरिमा गुप्ता, डॉ. पूर्णिमा शर्मा, प्रो. रंजना पठानिया, डॉ. शोफिया खान

The Aman Times

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