Blogउत्तराखंडएक्शन

Governance administration will run again on illegal slums settled after 2016 on river drain and Khale in Dehradun city!!

पहले चरण में रिस्पना नदी के किनारे काठ बंगला से मोथरोवाला तक 27 अवैध बस्तियां चिन्हित!

The aman times

देहरादून ब्यूरो_

देहरादून को स्मार्ट सिटी बनाने केलिए शहर पर दाग बनी अवैध मलिन बस्तियों पर एक बार फिर शासन प्रशासन का बुलडोजर चलने वाला हैं।

नदी-नालों के किनारे स्थित बस्तियों में लगातार हो रहे अवैध निर्माण पर अब कार्रवाई शुरू हो गई है। एनजीटी और हाईकोर्ट के निर्देश पर नगर निगम ने अतिक्रमण और साल 2016 के बाद की अवैध बस्तियों को हटाने के लिए अपनी कमर कस ली है। जिसके तहत नगर निगम द्वारा पहले चरण में रिस्पना नदी के किनारे काठ बंगला से मोथरोवाला तक 27 अवैध बस्तियां चिन्हित की गई हैं। कमेटी जांच रिपोर्ट तैयार करके इन सभी को नोटिस भेजने का काम करेगी।

वीर गब्बर सिंह कॉलोनी किशनगर, काठ बंगला ढाक पट्टी, काठ बंगला-2, आर्य नगर बस्ती करनपुर, बार्डी गार्ड जाखन, अंबेडकर कॉलोनी डीएल रोड अधोईवाला, रिस्पना खटीक कॉलोनी, विजय नगर अघोईवाला, भगत सिंह कॉलोनी अघोइवाला, पंचपुरी चंद्र नगर डालनवाला, गांधी बस्ती डालनवाला, चंदर रोड डालनवाला, बलबीर रोड डालनवाला, संजय कॉलोनी मोहिनी रोड धर्मपुर, शिव नगर अजबपुर, राजीव नगर भाग-2 रिस्पना, राजीव नगर भाग-1, रिस्पना नगर अजबपुर कला, अपर राजीव नगर धर्मपुर, केदारपुर मलिन बस्ती केदारपुर, दीप नगर अजबपुर कला, ऋषि नगर अघोईवाला, राजीव नगर कंडोली, आनंद ग्राम अघोईवाला, गैस गोदाम किशन नगर राजपुर रोड, नेमी रोड मलिन डालनवाला, शास्त्री नगर चूना भट्टा और इंद्रा पुरम कॉलोनी को चिन्हित किया गया है।

बता दें कि देहरादून नगर निगम क्षेत्र में कुल 129 बस्तियों को चिन्हित किया गया है, जिनमें 40 हजार भवन होने का अनुमान है। हालांकि, वर्ष-2016 के बाद किए गए निर्माण नियम के अनुसार ये अवैध करार दिए गए हैं। कोई रोक-टोक न होने के कारण शहर के विभिन्न क्षेत्रों में अवैध रूप से बस्तियों का विस्तार कर दिया गया और सैकड़ों नए भवन तैयार किए गए।

नगर निगम ने पिछले आठ साल से ध्यान भी नहीं दिया। वैसे तो मलिन बस्तियों में जमीन या मकान की खरीद-फरोख्त नहीं की जा सकती, लेकिन शहर की तमाम बस्तियों में जमीन व मकान की धड़ल्ले से खरीद-फरोख्त की जाती है। 10 रुपये से लेकर 100-100 रुपये के स्टांप पेपर पर बस्तियों में नए निर्माण कर बेच दिए गए। अब नगर निगम रिस्पना की वास्तविक चौड़ाई जानने के लिए सर्वे कर रहा है।

 

 

The Aman Times

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button