खबर उत्तराखंड के टिहरी गढ़वाल के विश्व प्रसिद्ध टिहरी बांध से हैं_
– फ्रांस से लाई गई मशीन को टिहरी डैम के पीएसपी में स्थापित करने के बाद की गई सफल टेस्टिंग।
हिंदुस्तान के लिए गौरव की बात।
विश्व में अब तक सिर्फ तीन मशीन ही बनी है ऐसी।
खबरसार_
टिहरी बांध परियोजना के अधिशासी निदेशक एल पी जोशी ने बताया कि टिहरी डैम के पंप स्टोरेज प्लांट(PSP) टिहरी डैम का महत्वपूर्ण अंग है, जो 1000 मेगावाट की क्षमता का बिजली उत्पादन करता है, जिसकी पहली मशीन मैकेनिकल रन किया गया है, जिसमें पूरा वाटर कांटेक्ट सिस्टम है।
इसे पानी से फिल कर दिया गया है।
इसके सारे गेट्स और सारी टेस्टिंग सफलतापूर्वक की गई है।
इसका मैकेनिक स्पीडिंग सफलतापूर्वक कर लिया गया है, जो बहुत ही महत्वपूर्ण और ऐतिहासिक कदम है। मशीन की कमिश्निंग में और उसके बाद इलेक्ट्रिक टेस्टिंग कंपोनेंट आदि सभी चीजों की टेस्टिंग चल रही है।
और हम इस महीने के अंत तक इस फ्रांस से लाई गई मशीन से उत्पादन होने वाली बिजली को ग्रिड से जोड़ देंगे जिससे ढाई सौ मेगावाट की बिजली ग्रिड को सफलतापूर्वक देने में सक्षम होंगे।
आपको बता दे कि इस मशीन को फ्रांस की एक मल्टीनेशनल जी पावर कंपनी के द्वारा बनाई गई है जो फ्रांस की कंपनी है।
फ्रांस में इसकी फैक्ट्री है, और पहली मशीन फ्रांस में बनी है, और इस मशीन के कुछ पार्ट्स बड़ोदरा के जी पावर कंपनी में बनाये हैं।
यह अपने आप में एक महत्वपूर्ण मशीन है, इस मशीन के हर हेड में अलग-अलग स्पीड होती है, और हिंदुस्तान के अंदर यह पहली मशीन है जो टिहरी बांध में लगाई जा रही है।
इसमें वेरिएबल फीचर है, इसी तरह के बाकी तीन और मशीन पर काम तेज गति से चल रहा है जो देश के साथ-साथ टिहरी के लिए गौरव की बात है।
अब तक विश्व में इसी तरह की तीन मशीन बनाई गई हैं।
निदेशक टिहरी बांध
*भारत दुनिया का तीसरा देश बन गया है, जहां 250 मेगावाट की पहली टरबाइन के रनर का इस्तेमाल किया जा रहा है।
अब से पहले ये टेक्नोलॉजी फ्रांस और स्विट्जरलैंड में इस्तेमाल की गई है और तीसरा भारत के टिहरी डैम के (PSP)के इस्तेमाल की गई है जिसका टेस्टिंग आज सफल रही*