Blogउत्तराखंडएक्शनजागरूक गोष्ठी/सम्मेलनपर्यटनराष्ट्रीयशिक्षासम्मान

Sparsh Himalaya Festival 2024 ”is a grand inauguration in Dehradun’s.

स्पर्श हिमालय महोत्सव 2024” का देहरादून के लेखक गांव थानों में भव्य उद्घाटन*

The Aman Times

उत्तराखण्ड ब्यूरो_

“स्पर्श हिमालय महोत्सव 2024” का देहरादून में भव्य उद्घाटन**

 

शुक्रवार 25 अक्टूबर, 2024 –

देहरादून में आज स्पर्श हिमालय महोत्सव 2024 का भव्य उद्घाटन माननीय राज्यपाल श्री गुरमीत सिंह और भारत के पूर्व राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद की गरिमामयी उपस्थिति में संपन्न हुआ।

इस अनूठे महोत्सव में साहित्य, संस्कृति, और कला को समर्पित एक विशेष मंच ‘लेखक गांव’ का विधिवत उद्घाटन किया गया, जो इस क्षेत्र में रचनात्मकता और नवाचार को बढ़ावा देने का एक प्रयास है।

महोत्सव के दौरान उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री एवं प्रख्यात साहित्यकार डॉ. रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ की नवीनतम पुस्तक *हिमालय में राम* का विमोचन भी किया गया। पुस्तक का विमोचन माननीय राज्यपाल श्री गुरमीत सिंह, पूर्व राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद, और प्रसिद्ध गीतकार श्री प्रसून जोशी ने संयुक्त रूप से किया। यह पुस्तक हिमालय की धार्मिक और सांस्कृतिक महत्ता को प्रस्तुत करती है और लेखक गांव से प्रकाशित होने वाली पहली पुस्तक है, जो साहित्यिक क्षेत्र में एक नई दिशा का प्रतीक है।

इस अवसर पर, प्रतिष्ठित व्यक्तित्वों की उपस्थिति ने महोत्सव की शोभा में चार चांद लगाए। पूज्य स्वामी अवधेशानंद जी, पर्यावरणविद श्री अनिल जोशी, प्रसिद्ध नृत्यांगना पद्मविभूषण डॉ. सोनल मानसिंह और अन्य पद्मभूषण एवं पद्मश्री से सम्मानित हस्तियों ने हिमालय की सांस्कृतिक धरोहर और साहित्यिक परंपराओं के संरक्षण एवं संवर्धन की आवश्यकता पर बल दिया। डॉ. सोनल मानसिंह की भावपूर्ण प्रस्तुति ने दर्शकों को अभिभूत कर दिया।

महोत्सव में 65 देशों से आए प्रतिनिधियों ने भाग लिया, जो इसकी अंतरराष्ट्रीय पहचान को दर्शाता है। डॉ. निशंक ने सभी अतिथियों का आभार व्यक्त करते हुए आशा जताई कि यह लेखक गांव युवा लेखकों, कलाकारों, और विचारकों को प्रेरित करेगा। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस पहल को रचनात्मक लेखकों के लिए एक अद्वितीय मंच बताया, जो उत्तराखंड की समृद्ध साहित्यिक परंपरा को पुनर्जीवित करेगा। गीतकार प्रसून जोशी ने लेखकों की सामाजिक जिम्मेदारी पर चर्चा करते हुए डॉ. निशंक के प्रयासों को सराहा, जो साहित्य के माध्यम से समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने का प्रयास है।

पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने अपने व्यक्तिगत अनुभव साझा करते हुए बताया कि लेखन ने COVID-19 के दौरान उन्हें साहस और प्रेरणा दी, और इस महोत्सव के माध्यम से नई पीढ़ी को लेखन और कला से जोड़ने का अवसर मिलेगा।

 

स्पर्श हिमालय महोत्सव का उद्देश्य हिमालयी संस्कृति की धरोहर को संरक्षित करना और उसे वैश्विक मंच पर लाना है। यह महोत्सव युवा लेखकों, कलाकारों, और विचारकों के लिए एक प्रेरणादायक मंच प्रस्तुत करता है, जहां वे अपनी रचनात्मकता को निखार सकें और उत्तराखंड की सांस्कृतिक धरोहर को दुनिया के समक्ष प्रदर्शित कर सकें।

 

 

The Aman Times

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button