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57 workers of BRO, CM Dhami, who was buried in the avalanche in Mana of Badrinath Dham, discussed the rescue with the officials.

बद्रीनाथ धाम के माणा में हुए हिमस्खलन में दबे, 57 मजदूर, सीएम धामी ने अधिकारियों संग रेस्क्यू को लेकर की चर्चा।

The Aman Times

उत्तराखंड ब्यूरो _

खबर उत्तराखंड के सीमांत जनपद चमोली के3 बद्रीनाथ धाम के माणा गांव से है, जहां शुक्रवार को सुबह हिमस्खलन हो गया और बर्फ हटाने के साथ सड़क निर्माण कार्य में लगे BRO के 57 मजदूर हिमस्खलन की चपेट में आ गए।

घटना की जानकारी मिलते ही शासन प्रशासन में हड़कंप मच गया।

NDRF SDRF पुलिस और सेना की टीमों को तत्काल मौके पर पहुंची और शुरू हुआ राहत बचाव रेस्क्यू ऑपरेशन।

खबर लिखे जाने तक बर्फ में दबे 15 मजदूरों को निकाला जा चुका था।

धाम में हो रहे भारी बर्फबारी के कारण रेस्क्यू ऑपरेशन में भारी परेशानी का सामना टीमों को करना पड़ रहा हैं।

इधर देहरादून में

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र, आई.टी पार्क देहरादून पहुंचकर जनपद चमोली के माणा गांव के पास हुए हिमस्खलन के संबंध में अधिकारियों के साथ बैठक की और हिमस्खलन के बाद रेस्क्यू अभियान में तेजी लाने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने हिमस्खलन के बाद की स्थिति की विस्तृत जानकारी ली।

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को अति शीघ्र घटनास्थल पर पहुंचने के निर्देश देते हुए कहा कि घटनास्थल के सबसे समीप स्थित हेलीपैड को अति शीघ्र खोला जाए, जिससे रेस्क्यू अभियान में तेजी लाई जा सके। मुख्यमंत्री ने घटनास्थल पर ड्रोन के माध्यम से नजर रखने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा रेस्क्यू अभियान में हेलीकॉप्टर की भी मदद लेकर रेस्क्यू में तेजी लाई जाए।

उन्होंने सभी घायलों को एयर एंबुलेंस के माध्यम से जरूरत पड़ने पर एम्स ऋषिकेश लाए जाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने जिला प्रशासन से निरंतर समन्वय संपर्क कर उन्हें हर संभव मदद करने के भी निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री ने मीडिया से बातचीत के दौरान बताया कि जनपद चमोली में हिमस्खलन के बाद लगातार राहत बचाव का कार्य जारी है।आईटीबीपी, सेना, जिला प्रशासन, वायु सेना, सभी बचाव कार्य में लगे हुए हैं। सभी से निरंतर वार्ता जारी है।

विजिबिलिटी ना होने के कारण वर्तमान में हेलीकॉप्टर का जाना संभव नहीं है। इस संबंध में स्नो एक्सपर्ट की सेवाएं ली जा रही हैं। आईटीबीपी के लोग घटना स्थल पर विशेष रूप से कार्य कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमारी पहली प्राथमिकता श्रमिकों को सुरक्षित निकलना है। सभी लोग अलग अलग स्थानों से हैं, जिसके लिए हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया गया है।

मुख्यमंत्री ने कहा राज्य सरकार, केंद्र सरकार से निरंतर संपर्क में है। प्रधानमंत्री कार्यालय, गृह मंत्री, रक्षा मंत्री से भी लगातार संपर्क किया जा रहा है। उन्होंने कहा रेस्क्यू अभियान में जिस किसी भी एजेंसी की आवश्यकता होने पर उनकी मदद ली जाएगी। मुख्यमंत्री ने बताया कि 10 लोगों को आईटीबीपी अस्पताल पहुंचाया गया है। बर्फबारी जारी है, कई जगहों पर मार्ग अवरुद्ध है। कल मौसम खुलने की संभावना है, जिससे रेस्क्यू अभियान में भी तेजी आएगी। सभी रेस्क्यू दल आपस में समन्वय के साथ कार्य कर रहें हैं। उन्होंने कहा कि माणा हेलीपैड को भी एक्टिव किया जा रहा है। इसके साथ ही एम्स ऋषिकेश, श्रीनगर मेडिकल कॉलेज, जिला अस्पताल गोपेश्वर में भी सभी तैयारी पूरी कर ली गई हैं।

मुख्यमंत्री ने वर्चुअल माध्यम से जुड़े जिलाधिकारी चमोली श्री संदीप तिवारी से घटना की पूरी जानकारी ली। जिलाधिकारी ने बताया कि माणा गांव और माणा पास के मध्य सीमा सड़क संगठन के समीप हिमस्खलन की सूचना मिली थी। यहां सेना की आवाजाही के लिए सड़क मार्ग से बर्फ हटाने वाले मजदूरों के घटना स्थल के समीप होने की जानकारी मिली थी। जिसके बाद सेना के साथ ही आईटीबीपी, एनडीआरफ, एसडीआरफ की रेस्क्यू टीम को मौके के लिए रवाना कर दिया गया है।

इस अवसर पर मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी, प्रमुख सचिव श्री आर के सुधांशु, सचिव श्री शैलेश बगौली, श्री विनोद कुमार सुमन, श्री विनय शंकर पांडेय एवं अन्य अधिकारी मौजूद रहे।

The Aman Times

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