Swami Ram Himalayan University revenge identity mark.
स्वामी राम हिमालयन विश्वविद्यालय का बदला ब्रांड लोगो, संस्थान के कुलाधिपति डॉ विजय धस्माना बोले नया लोगो नए जोश और उत्साह का करेगा संचार।
The Aman Times
डोईवाला ब्यूरो_
*एसआरएचयू, जौलीग्रांट ने नई ब्रांड फिलॉसफी और पहचान का किया अनावरण*
देहरादून के *डोईवाला* से खबर है_
एसआरएचयू (स्वामी राम हिमालयन विश्वविद्यालय) जौलीग्रांट ने अपने नई ब्रांड फिलॉसफी ‘लाइफ का कम्पस’ का अनावरण किया।
‘लाइफ का कम्पस’ एक पंक्ति से कहीं ज़्यादा है, यह विश्वविद्यालय की जीवनशैली है।
यह ब्रांड फिलॉसफी छात्र-छात्राओं के जीवन को प्रगति, पूर्णता और सफलता की ओर ले जाने के लिए विश्वविद्यालय की प्रतिबद्धता को दर्शाती है।
इस दौरान एसआरएचयू ने अपनी आधुनिक पहचान के साथ विश्वविद्यालय के विकास और मूल्यों का प्रतिनिधित्व करने वाले अपने नए लोगो को भी लॉन्च किया।
ब्रांड लॉन्च कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए एसआरएचयू के अध्यक्ष डॉ. विजय धस्माना ने ब्रांड की नई यात्रा के बारे में जानकारी दी।
उन्होंने कहा यह सिर्फ़ रीब्रांडिंग नहीं है, बल्कि यह चरित्र, ज्ञान और मानवीय मूल्यों के साथ जीवन को आकार देने की हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। ‘लाइफ का कम्पस’ सिर्फ़ छात्र-छात्राओं के लिए ही नहीं बल्कि यह उन सभी के लिए है जो एसआरएचयू का हिस्सा है।
यह समय से आगे रहने की हमारी सोच है, जो हमें हमारी विरासत में मिली है।
‘लाइफ का कम्पस’ फिलॉसफी के मूल में चार परिवर्तनकारी स्तंभ हैं। उद्यमिता, इंटर्नशिप, मेंटरशिप और नेतृत्व, जो विश्वविद्यालय तंत्र में सभी को सशक्त बनाने का कार्य करते हैं।
*उद्यमिता:* विश्वविद्यालय का नवाचार और उद्यमिता केंद्र छात्रों के नए विचारों को पंख देगा। यहाँ सपने सिर्फ सपने नहीं रहेंगे, बल्कि कल के प्रभावशाली उद्यमों में तब्दील होंगे।
*इंटर्नशिप:* वास्तविक दुनिया का अनुभव प्रदान कर छात्रों को उद्योग जगत की गतिशीलता से जोड़ा जाएगा, जिससे वे अपने करियर के लिए पहले से तैयार रहें।
*मेंटरशिप:* व्यक्तिगत मार्गदर्शन के जरिए युवाओं को उनके शैक्षणिक और व्यावसायिक लक्ष्यों तक पहुंचाने के लिए प्रेरित किया जाएगा।
*नेतृत्वः* एसआरएचयू स्थानीय और वैश्विक स्तर पर सार्थक परिवर्तन लाने के लिए मजबूत संचार कौशल और जिम्मेदारी की भावना वाले नैतिक मूल्यों को विकसित कर युवाओं में नेतृत्व क्षमता को बढ़ावा देगा ।
डॉ. धस्माना ने कहा कि हमारा नया दृष्टिकोण समग्र विकास और प्रगतिशीलता पर आधारित है जो युवाओं को उद्देश्य और आत्मविश्वास के साथ जीवन की यात्रा में आगे बढ़ाने के लिए मददगार सिद्ध होगा।
इस दूरदर्शी दृष्टिकोण के साथ, एसआरएचयू ने अपनी गैर-चिकित्सा शैक्षणिक इकाइयों के नामों में भी बदलाव किया है । अब यह शैक्षणिक इकाइयां स्कूल ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी, स्कूल ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज, स्कूल ऑफ बायोसाइंसेज, स्कूल ऑफ योगा साइंसेज और स्कूल ऑफ फार्मास्यूटिकल साइंसेज के नाम से जानी जाएँगी।