The 16th Finance Commission team on Monday discussed with the municipal bodies, three -tier panchayats and political parties.
16वें वित्त आयोग की टीम ने सोमवार को नगर निकायों, त्रिस्तरीय पंयायतों और राजनीतिक दलों के साथ विचार विमर्श किया।

The Aman Times
उत्तराखंड ब्यूरो _
16वें वित्त आयोग की टीम ने सोमवार को नगर निकायों, त्रिस्तरीय पंयायतों और राजनीतिक दलों के साथ विचार विमर्श किया।
देहरादून में आयोजित इस बैठक में आयोग के अध्यक्ष डॉ अरविंद पनगढ़िया, सदस्य श्रीमति एनी जॉर्ज मैथ्यू, श्री मनोज पांडा, श्री सौम्या कांतिघोष, आयोग के सचिव श्री ऋत्विक पांडे, संयुक्त सचिव श्री केके मिश्रा, संयुक्त निदेशक सुश्री पी अमरूथावर्षिनी शामिल हुए।
प्रथम सत्र में कुल आठ नगर निकाय प्रमुखों ने आयोग के सामने अपने अपने प्रस्ताव रखे। निकाय प्रमुखों ने उत्तराखण्ड में तीर्थाटन और पयर्टन गतिविधियों को देखते हुए पार्किंग, साफ सफाई, सीवरेज जैसे मद में अतिरिक्त वित्तीय सहायता देने की मांग उठाई। मेयर देहरादून श्री सौरभ थपलियाल ने कहा कि पर्यटन और एजुकेशन हब के कारण देहरादून को अतिरिक्त संसाधनों की जरूरत है।
रुद्रपुर के मेयर विकास शर्मा ने कहा कि सिडकुल होने के कारण रुद्रपुर में प्रतिदिन करीब पचास हजार फ्लोटिंग आबादी का आवागमन रहता है। प्रतिदिन निकलने वाले ढाई लाख टन कूड़े के निस्तारण के लिए भी निगम को पर्याप्त सहायता चाहिए।
अल्मोड़ा के मेयर अजय वर्मा ने अल्मोड़ा को हैरिटेज शहर के रूप में विकसित करने के लिए सहायता की मांग उठाई। हरिद्वार मेयर किरण जैसल ने तीर्थाटन को देखते हुए अतिरिक्त बजट की मांग उठाई। मसूरी पालिका अध्यक्ष मीरा सकलानी ने पार्किंग सुविधा विकसित करने और ग्रीन बोनस पर जोर दिया।
पौड़ी नगर पालिका अध्यक्ष हिमानी नेगी ने सीवर लाइन की मांग उठाई। बागेश्वर नगर पालिका अध्यक्ष सुरेश खेतवाल ने पहाड़ी क्षेत्रों में निर्माण लागत ज्यादा आने से बजट बढ़ाने की मांग की। अगस्तमुनि नगर पंचायत अध्यक्ष राजेंद्र पंचायत गोस्वामी ने पार्किंग सुविधा बढ़ाने पर जोर दिया। बैठक में सचिव श्री नितेश झा, नगर आयुक्त देहरादून श्रीमती नमामि बंसल शामिल हुईं।
त्रिस्तरीय पंचायत प्रतिनिधियों ने आयोग के सामने बजट आवंटन में क्षेत्रफल को मुख्य आधार बनाने की पैरवी की। जिला पंचायत देहरादून की प्रशासक मधु चौहान ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में स्वच्छता के लिए बजट आवंटन बढ़ाया जाए। पिथौरागढ़ की जिला पंचायत प्रशासक दीपिका बोरा ने कहा कि पंचायतों को कई बार आपदा के चलते आकस्मिक कार्य भी कराने पड़ते हैं। इसके लिए बजट उपलब्ध कराया जाए।
जयहरीखाल ब्लॉक के प्रशासक दीपक भंडारी ने कहा कि उनके ब्लॉक में कुछ ग्राम पंचायतों को सालाना बहुत कम बजट मिलने की बात उठाई। सचिव पंचायती राज श्री चंद्रेश कुमार ने कहा कि राज्य की 89 प्रतिशत ग्राम पंचायतों की आबादी पांच सौ से कम है, जिन्हें सालाना पांच लाख रुपए से कम का वार्षिक अनुदान मिल पाता है, इसलिए वित्तीय आवंटन को बढ़ाए जाने की जरूरत है।
तीसरे सत्र में भाजपा, कांग्रेस, सीपीआई (एम), आम आदमी पार्टी के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। भाजपा से विधायक विनोद चमोली ने कहा कि उत्तराखण्ड ने सतत विकास लक्ष्य में शानदार प्रदर्शन किया है, प्रति व्यक्ति आय में भी उत्तराखण्ड का प्रदर्शन राष्ट्रीय औसत से अधिक है। अब राज्य को पलायन रोकने के लिए टेलीमेडीसिन जैसे माध्यमों को विकसित किए जाने की जरूरत है। इसी तरह गांवों को बचाने के लिए महिला आधारित कुटीर उद्योगों को बढ़ावा दिए जाने की जरूरत है।
उत्तराखण्ड प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने कहा कि उत्तराखण्ड में हिमालय अभी युवा अवस्था में है, इस कारण यहां प्राकृतिक आपदाएं होती रहती हैं। इसलिए आपदा से निपटने के लिए राज्य को अतिरिक्त संसाधन दिए जाएं।
सीपीआई (एम) के राज्य सचिव राजेंद्र पुरोहित ने राज्य में मनरेगा दरें बढ़ाने की मांग की। साथ ही आंगनबाड़ी, भोजनमाताओं को सशक्त बनाने की मांग की। आम आदमी पार्टी के उपाध्यक्ष विशाल चौधरी ने राज्य के लिए विशेष सहायता की मांग उठाई। बसपा के राज्य सचिव मदनलाल भी बैठक में शामिल हुए।
इस मौके पर सचिव श्री दिलीप जावलकर, अपर सचिव डॉ विजय कुमार जोगदंडे, श्री हिमांशु खुराना उपस्थित रहे।