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The doors of Gangotri Dham closed with law for 6 months of winter. Devotees were present in large numbers.

शीतकाल के 6 माह के लिए विधिविधान के साथ बंद हुए गंगोत्री धाम के कपाट। बड़ी संख्या में मौजूद रहे श्रद्धालु।

The Aman Times

उत्तराखण्ड ब्यूरो =

विश्व प्रसिद्ध गंगोत्री धाम के कपाट शनिवार अन्नकूट के पावन पर्व पर अपराह्न 12 बजकर 14 मिनट पर अभिजीत मुहूर्त में वैदिक मंत्रोच्चार और धार्मिक विधि विधान के साथ शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए हैं।

गंगोत्री धाम में उपस्थित देश-विदेश से आए हजारों श्रद्धालुओं ने माँ गंगा की उत्सव मूर्ति के निर्वाण दर्शन कर अभिषेक पूजा में भाग लिया। कपाट बंद होने के बाद हर-हर गंगे के उद्घोष के साथ माँ गंगा की उत्सव मूर्ति को डोली में बिठाकर परम्परानुसार मुखवा गांव के लिए प्रस्थान करवाया गया। तीर्थ पुरोहितों की अगवानी में माँ गंगा की डोली यात्रा लोक वाद्य यंत्रों एवं आर्मी बैंड की धुनों के साथ रवाना हुई। डोली यात्रा आज रात्रि में चंडी देवी मंदिर मार्कण्डेय पुरी में प्रवास करेगी। रविवार को सोमेश्वर देवता की अगवानी में भैयादूज के पर्व पर माँ गंगा की डोली यात्रा मुखबा पहुंचेंगी। जहां पर उत्सव प्रतिमा को शीतकाल के लिए गंगा मंदिर में विराजमान किया जाएगा। शीतकाल में श्रद्धालु मुखवा स्थित गंगा मंदिर में माँ गंगा के दर्शन और पूजा-अर्चना कर सकेंगे।

यमुनोत्री मंदिर के कपाट भी कल यानि 3 नवंबर को भैयादूज के पर्व पर अपराह्न 12:05 बजे बंद किए जाएंगे। शीतकाल में माँ यमुना की उत्सव मूर्ति खरसाली गांव स्थित यमुना मंदिर में विराजमान रहेंगी।

गंगोत्री मंदिर के कपाट बंद होने के अवसर पर विधायक श्री सुरेश चौहान, एसडीएम श्री मुकेश चंद रमोला, मंदिर समिति के अध्यक्ष श्री धर्मानन्द सेमवाल, सचिव श्री सुरेश सेमवाल, रावल श्री हरीश सेमवाल सहित बड़ी संख्या में तीर्थयात्री मौजूद रहे।

The Aman Times

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