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The yoga guru, who guarantees the purity of the Patanjali product, apologizes to the Supreme Court!

रामदेव और बालकृष्ण दोनों ने देश की शीर्ष अदालत को भरोसा दिया कि वे भविष्य में और अधिक सतर्क रहेंगे, और करेंगे कानून का पालन!

 

The aman times ब्यूरो

नई दिल्ली :

पतंजलि के भ्रामक विज्ञापनों को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई से एक दिन पहले बाबा रामदेव और पतंजलि के एमडी आचार्य बालकृष्ण ने कोर्ट में हलफनामा दायर कर ‘बिना शर्त’ माफी मांगी है. रामदेव और बालकृष्ण दोनों ने शीर्ष अदालत को भरोसा दिया कि वे भविष्य में और अधिक सतर्क रहेंगे, हमेशा कानून का पालन करेंगे।

रामदेव और बालकृष्ण दोनों ने अपने हलफनामे में कहा कि ‘पतंजलि विज्ञापन जारी होने पर खेद है. जो 21 नवंबर, 2023 के आदेश का उल्लंघन है.’ उन्होंने ‘बिना शर्त माफी’ मांगी और इस बात पर जोर दिया कि दोनों का कभी भी शीर्ष अदालत के आदेशों का उल्लंघन करने का इरादा नहीं था।

बालकृष्ण ने अपने नए हलफनामे में कहा, ‘मैं यह सुनिश्चित करने का वचन देता हूं कि भविष्य में इस तरह के अपमानजनक विज्ञापन जारी नहीं किए जाएंगे. मैं पुष्टि करता हूं कि 27 फरवरी, 2024 के बाद कोई और आपत्तिजनक विज्ञापन जारी नहीं किया गया… मैं कथन के उपरोक्त उल्लंघन के लिए क्षमा चाहता हूं. मैं इस संबंध में अपनी और प्रतिवादी नंबर 5 (पतंजलि) की ओर से बिना शर्त माफी मांगता हूं. इस न्यायालय के आदेशों का उल्लंघन करने का मेरा कभी कोई इरादा नहीं था. मैं कहता हूं कि भविष्य में ऐसी कोई चूक नहीं होगी. मैं हमेशा कानून की महिमा को कायम रखूंगा.’ इससे पहले शीर्ष अदालत ने बालकृष्ण के हलफनामे को स्वीकार करने से इनकार कर दिया था।

पतंजलि से जुड़े प्रोडक्ट, जिनके विज्ञापन के लिए योग गुरु ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर मांगी माफी

 

‘भविष्य में इसे दोबारा नहीं दोहराया जाएगा’ : रामदेव ने अपने हलफनामे में कहा, ‘मैं इस अदालत के 21 नवंबर, 2023 के आदेश के पैरा 3 में दर्ज बयान के उल्लंघन के लिए बिना शर्त माफी मांगता हूं. मैं वचन देता हूं कि उक्त कथन का अक्षरशः अनुपालन किया जाएगा और ऐसे कोई समान विज्ञापन जारी नहीं किए जाएंगे. मैं 22 नवंबर, 2023 को आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस के लिए बिना शर्त माफी मांगता हूं. मुझे इस चूक पर खेद है और आश्वासन देता हूं कि भविष्य में इसे दोबारा नहीं दोहराया जाएगा. मैं सदैव कानून की महिमा और न्याय की महिमा को बनाए रखने का वचन देता हूं।

 

शीर्ष अदालत इस मामले पर बुधवार को सुनवाई करेगी. 2 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट ने अपने हलफनामे में बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण द्वारा इस्तेमाल की गई भाषा के संबंध में उनकी आलोचना करने में कोई कसर नहीं छोड़ी थी. उन्हें एक सप्ताह के भीतर नए हलफनामे दाखिल करने का आखिरी मौका दिया था।

 

सुनवाई के दौरान पीठ ने शीर्ष अदालत के आदेशों के बावजूद भ्रामक विज्ञापनों के संबंध में पतंजलि द्वारा पेश की गई मौखिक माफी को स्वीकार करने से इनकार कर दिया. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण अदालत के आदेश की ‘पूरी तरह से अवहेलना’ कर रहे हैं. पतंजलि को अपने भ्रामक दावों के लिए ‘पूरे देश से माफी मांगनी चाहिए.।

 

शीर्ष अदालत ने रामदेव और बालकृष्ण का प्रतिनिधित्व कर रहे वकील से कहा, ‘आपको अदालत को दिए गए वचन का पालन करना होगा और आपने हर बाधा को तोड़ दिया है.’ शीर्ष अदालत ने साफ कर दिया कि सिर्फ सुप्रीम कोर्ट ही नहीं, इस देश की अदालतों द्वारा पारित हर आदेश का सम्मान किया जाना चाहिए।

 

शीर्ष अदालत ने इस बात पर भी आश्चर्य जताया कि जब पतंजलि यह कहते जा रही थी कि एलोपैथी में कोविड का कोई इलाज नहीं है तो केंद्र ने अपनी आंखें बंद क्यों रखीं।

 

केंद्र का प्रतिनिधित्व कर रहे सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि जो हुआ वह नहीं होना चाहिए था और उन्होंने पूरे मुद्दे का समाधान खोजने के लिए पक्षों के वकील को मदद करने की पेशकश की. रामदेव का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ वकील बलबीर सिंह ने अदालत से योग गुरु की उपस्थिति और उनकी बिना शर्त माफी पर ध्यान देने का आग्रह किया।

 

‘कार्रवाई क्यों नहीं की गई’ : शीर्ष अदालत ने उत्तराखंड सरकार से स्पष्टीकरण मांगा कि भ्रामक विज्ञापनों के लिए बाबा रामदेव और पतंजलि के खिलाफ कोई कार्रवाई क्यों नहीं की गई. पीठ ने कहा, ‘राज्य अपने कर्तव्यों का निर्वहन नहीं कर रहा है.।

 

पिछले साल नवंबर में सुप्रीम कोर्ट ने इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) द्वारा दायर एक याचिका पर सुनवाई करते हुए पतंजलि आयुर्वेद को अपनी दवाओं के बारे में विज्ञापनों में ‘झूठे’ और ‘भ्रामक’ दावे करने के प्रति आगाह किया था. शीर्ष अदालत ने आधुनिक चिकित्सा की आलोचना के लिए रामदेव के खिलाफ कार्रवाई की मांग करने वाली इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश पारित किया।

The Aman Times

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